Author: admin

भगवान शिव का त्रिशूल जो उनके दाहिने हाथ में रहता है, (त्रिगुण) तीन गुणों-सत्व, रजस और तमस का प्रतिनिधित्व करता है। प्रकृति (प्राथमिक “पदार्थ”) में सत्व, रज और तम की तीन विशेषताएं हैं। सांख्य दर्शन के अनुसार सृष्टि तब हुई जब इन तीनों – सत्त्व, रजस और तमस के बीच असंतुलन था। • सत्त्व देवत्व के निकटतम घटक है। इसलिए व्यक्ति में इसकी प्रधानता खुशी, संतोष, धैर्य, दृढ़ता, क्षमा करने की क्षमता, आध्यात्मिक तड़प आदि गुणों की विशेषता है। • तमस घटक तीनों में सबसे नीचे के स्तर का है। व्यक्ति में इसकी प्रधानता आलस्य, लोभ, सांसारिक विषयों से लगाव…

Read More