Welcome to the BLISSFUL journey

Day 20 – हर पल पर परमात्मा का एहसास

0

ध्यान करने कि जगह से हम पैदल निकल पडे़। हमारे अंतर्गत से उगती हुई आनंद से हम फूले नहीं समाये। उस जगह के हर एक पत्ता, पुष्प, मिट्टी, अनु अनु से, आनंद का महसूस करते, आगे बढे़। प्रकृति कि शोभा से हमें परमानंद स्थिति का अनुभव हो रहा था। दूर से हमारे रहने के टेन्टस आश्रम में कुटीर जैसै दिख रहे थे। माताजी ने थोड़ी देर विश्राम किया और हम सब माताजी के साथ भोजन करने गये। एक साथ भोजन के बाद, सत्संग का शुरुआत हुआ। हम सभी माताजी के चारों ओर बैठे और वे हम सभी के आध्यात्मिक प्रश्नों का समाधान देते गये।वो प्रदेश निर्मल और जन संचार के बिना था। ऐसे लग रहा था जैसे कि हिमवत पर्वत हिमालय के योगों के रहस्यमय जीवन के बारे में बता रही हैं। पूरा प्रांत हिमालय के पुष्पों कि शोभा और उनके सुरभी से पुलकित हो रहा था। उस शांत वातावरण में पक्षियों का चहकने के साथ हमारी भी हँसी सुनाई दे रही थी। हमारा सत्संग युवा टीम के पूछे गए प्रश्न और माताजी के दिये उत्तरों में बीत गया| सतसंग बीच-बीच में करोडों पूनम के चाँद कि काँति के समान, माताजी के हँसते हुए कुछ लम्हों से उज्जवल हो रहा था। इतने में आकस्मिकता से बारिश हुई।

Share.
Leave A Reply